गोधूलि भाग 2 Class 10 Chapter 5 नागरी लिपि प्रश्न उत्तर - Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 5 Nagari lipi ka Subjective Question Answer

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बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी परीक्षा 2025

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Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 5 Nagari lipi ka Subjective question answer - नागरी लिपि प्रश्न उत्तर 

Q1. देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता कैसे आयी है ?

Ans:⇒ देवनागरी लिपि के अक्षरों में स्थिरता तब आई जब करीब 200 साल पहले इसके देवनागरी लिपि के टाइप बनाए गए और इस लिपि में किताबें छपने लगीं। इससे अक्षरों का आकार और रूप एक जैसा हो गया।

Q2. देवनागरी लिपि में कौन-कौन सी भाषाएँ लिखी जाती हैं ?

Ans:⇒ देवनागरी लिपि में मुख्य रूप से हिंदी, नेपाली, मराठी और संस्कृत जैसी भाषाएँ लिखी जाती हैं। इसके अलावा हिंदी की अलग-अलग बोलियाँ भी इसी लिपि में लिखी जाती हैं।

Q3. लेखक लेखक ने ने किन किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ?

Ans:⇒ लेखक ने देवनागरी लिपि का संबंध भारत की अन्य प्रमुख लिपियों जैसे गुजराती, बांग्ला और तमिल से बताया है। इन लिपियों में कई समानताएँ हैं, क्योंकि ये सभी ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई हैं।

Q4. नंदी नागरी किसे कहते हैं? किस प्रसंग में लेखक ने उसका उल्लेख किया है ?

Ans:⇒ नंदी नागरी दक्षिण भारत में उपयोग की जाने वाली नागरी लिपि का एक प्रकार है, जिसका प्रयोग प्राचीन समय में पोथियाँ लिखने के लिए होता था। इसे विशेष रूप से कोकण के शिलाहार, देवगिरी के यादव और विजयनगर के शासकों के अभिलेखों में देखा गया है।

लेखक ने इसका उल्लेख भारतीय लिपियों के विस्तार और विविधता के संदर्भ में किया है, जहाँ उन्होंने यह बताया कि नंदी नागरी लिपि दक्षिण भारत में नागरी लिपि के प्रभाव और उपयोग का उदाहरण है।

Q5. नागरी लिपि के आरंभिक लेख कहाँ प्राप्त हुए हैं? उनके विवरण दें।

Ans:⇒ नागरी लिपि के आरंभिक लेख मुख्य रूप से विंध्य पर्वत के दक्षिणी क्षेत्र, जिसे दक्खन प्रदेश कहते हैं, से प्राप्त हुए हैं। ये लेख प्राचीन अभिलेखों और शिलालेखों के रूप में मिले हैं।

इनसे यह प्रमाणित होता है कि नागरी लिपि का प्रयोग उस समय दक्षिण भारत में भी होता था और यह लिपि धीरे-धीरे पूरे भारत में फैली। यह लिपि उस काल की भाषा और संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रमाण प्रस्तुत करती है।

Q6. नागरी लिपि कब एक सार्वदेशिक लिपि थी ?

Ans:⇒ नागरी लिपि ईसा की आठवीं से ग्यारहवीं शताब्दी के बीच पूरे भारत में व्यापक रूप से प्रचलित थी। उस समय इसे विभिन्न क्षेत्रों में लेखन और संचार के लिए अपनाया गया, जिससे यह एक सार्वदेशिक लिपि बन गई। यह लिपि अपनी सरलता और उपयोगिता के कारण पूरे देश में लोकप्रिय थी।

Q7. ब्रा‌ह्मी और सिद्धम लिपि की तुलना में नागरी लिपि की मुख्य पहचान क्या है ?

Ans:⇒ गुप्त काल की ब्राह्मी और सिद्धम लिपि के मुकाबले नागरी लिपि की पहचान इसके अक्षरों के ऊपर की सीधी रेखा से होती है। ब्राह्मी और सिद्धम लिपि में अक्षरों पर मोटी आड़ी रेखाएँ या छोटे तिकोने निशान होते थे। लेकिन नागरी लिपि में हर अक्षर के ऊपर एक सीधी और लंबी रेखा होती है, जो अक्षर की चौड़ाई जितनी लंबी होती है। यही खासियत नागरी लिपि को अलग बनाती है।

Q8. उत्तर भारत में किन शासकों के प्राचीन, नागरी लेख प्राप्त होते हैं ?

Ans:⇒ उत्तर भारत में मिहिर भोज, महेन्द्र पाल आदि गुर्जर प्रतिहार राजाओं के अभिलेखों में पहले-पहल नागरी लिपि के लेख प्राप्त होते हैं। इन शासकों के समय में नागरी लिपि का प्रयोग बढ़ा और इसे विभिन्न शिलालेखों और दस्तावेजों में देखा गया।

Q9. नागरी को देवनागरी क्यों कह कहते हैं? लेखक इस संबंध में क्या बताता है ?

Ans:⇒ नागरी लिपि को देवनागरी क्यों कहते हैं, इस संबंध में लेखक कुछ मतों का उल्लेख करता है। एक मत के अनुसार, चंद्रगुप्त विक्रमादित्य का व्यक्तिगत नाम 'देव' था, इसलिए गुप्तों की राजधानी पाटलिपुत्र को 'देवनगर' कहा जाता होगा, और उसी लिपि को 'देवनागरी' कहा गया। दूसरे मत के अनुसार, गुजरात के नागर ब्राह्मणों ने पहले-पहल नागरी लिपि का इस्तेमाल किया, इसलिए इसे 'नागरी' नाम दिया गया। तीसरे मत के अनुसार, काशी को 'देवनगरी' माना जाता है, इसलिए काशी में प्रयुक्त लिपि का नाम 'देवनागरी' पड़ा। हालांकि, लेखक इस विषय में सटीक प्रमाण के साथ नहीं बता पाते कि यह नाम कैसे अस्तित्व में आया।

Q10. गुर्जर प्रतीहार कौन थे ?

Ans:⇒ गुर्जर-प्रतीहार एक प्राचीन राजवंश था,जो आठवीं सदी में भारत में आया। यह बाहर से भारत में आया और सबसे पहले अवंती प्रदेश (जो आज के मध्य प्रदेश और गुजरात में है) में अपना शासन स्थापित किया। इसके बाद इन्होंने कन्नौज पर भी कब्जा कर लिया।
गुर्जर-प्रतीहारों के प्रमुख शासक मिहिर भोज और महेन्द्र पाल थे, जो बहुत ताकतवर और प्रसिद्ध शासक थे।
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