Bihar Board Class 10th Hindi Chapter 2 Subjective Question Answer: विष के दांत प्रश्न-उत्तर (मैट्रिक फाईनल परीक्षा 2025)
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मैट्रिक फाईनल हिंदी परीक्षा 2025 |
कक्षा 10 के हिंदी प्रश्नों के उत्तर
2025 मैट्रिक परीक्षार्थियों को अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएँ । विद्यार्थियों के जीवन की पहली बड़ी परीक्षा है मैट्रिक परीक्षा, 10वीं कक्षा के परीक्षार्थियों के लिए हिंदी एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे परीक्षा की तैयारी में सही प्रश्नों और उत्तरों का अभ्यास करके सरल बनाया जा सकता है। हमने अपने www.alleducationnewz.in की लेख के माध्यम से Bihar Board Class 10th Hindi Chapter 2 Subjective Question Answer: विष के दांत प्रश्न-उत्तर (मैट्रिक फाईनल परीक्षा 2025)।
कक्षा 10वीं के हिंदी पाठ्यक्रम के विभिन्न अध्यायों के महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके संक्षिप्त व सरल उत्तर प्रदान किए हैं। यहां आपको कक्षा-उपयुक्त स्पष्टीकरण, नमूना उत्तर, और विशेष युक्तियां मिलेंगी, विष के दांत प्रश्न-उत्तर जो न केवल आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायता करेंगी, बल्कि विषय को गहराई से समझने में भी मददगार साबित होंगी।
Vish Ke Dant Subjective Question Answer: विष के दांत प्रश्न-उत्तर
विष के दांत
लेखक - नलिन विलोचन शर्मा
Q1. खोखा किन मामलों में अपवाद था ?
Ans:- खोखा अपने माता-पिता की ढलती उम्र में पैदा हुआ था, जो प्रकृति के सामान्य नियमों का अपवाद था। इसी कारण से सेन साहब ने उसे काफी छूट दे रखी थी।
हालांकि उसमें कई दुर्गुण थे, फिर भी उसके माता-पिता उसे एक इंजीनियर बनाने की उम्मीद रखते थे। यह भी एक अपवाद था, क्योंकि बेटियों के लिए कड़े नियम और सीमाएं थीं, लेकिन खोखा को विशेष स्वतंत्रता दी गई थी। इस प्रकार, खोखा हर मामले में अपवाद था।
Q2. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन-पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेद-भाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए ।
Ans: सेन साहब एक अमीर व्यक्ति थे। उनके परिवार में पाँच बेटियाँ और एक बेटा था। उनके बच्चों के पालन-पोषण में लिंग आधारित भेदभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था।
बेटियों को केवल सामान्य शिक्षा प्रदान की जाती थी, जबकि बेटे को बचपन से ही इंजीनियर बनाने की आकांक्षा के साथ विशेष सुविधाएँ दी जाती थीं।
बेटियों पर कड़े अनुशासन का पालन करवाया जाता था, जबकि बेटे को इतनी अधिक छूट दी जाती थी कि वह न तो अनुशासन का पालन करता था और न ही सामान्य व्यवहार में सुधार करता था। इस प्रकार, उनके परिवार में लिंग आधारित भेदभाव गहराई से व्याप्त था।
Q3. सेन दंपती खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते थे और 'उन संभवनाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा तय की थी ?
Ans: सेन दंपती खोखा में एक कुशल इंजीनियर बनने की संभावना देखते थे। इस संभावना को साकार करने के लिए उन्होंने उसे व्यावहारिक शिक्षा देने का निर्णय लिया।
उन्होंने कारखाने के बढ़ई और मिस्त्री को घर पर बुलाकर खोखा को कुछ ठोक-पीट और कार्यों के माध्यम से प्रशिक्षित करने का इंतजाम किया। इससे खोखा को तकनीकी कामों का अनुभव और कौशल प्राप्त हो सके।
Q4. सेन साहब के और उनके मित्रों के बीच क्या बात चीत हुई और पत्रकार मित्र ने उन्हें किस तरह उत्तर दिया?
Ans:- एक दिन सेन साहब के ड्राइंग रूम में उनके कुछ मित्र बातचीत कर रहे थे। उन मित्रों में एक पत्रकार महोदय भी थे, जो सेन साहब के रिश्तेदार थे, और उनके साथ उनका बेटा भी था।
बातचीत के दौरान किसी ने बच्चों की प्रशंसा की। इस पर पत्रकार महोदय कुछ कहने ही वाले थे कि सेन साहब ने अपनी बात रखते हुए कहा कि वह अपने पुत्र को इंजीनियर बनाना चाहते हैं। इसके उत्तर में पत्रकार महोदय ने कहा कि वह अपने बेटे को एक जेंटलमैन बनाना चाहते हैं।
Q5. काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण क्या था ? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है?
Ans: काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण लटू खेलने को लेकर हुआ था। जब काशू गली में पहुँचा, तो उसने देखा कि कुछ बच्चे लटू खेल रहे थे। काशू का भी मन खेल में भाग लेने का हुआ, लेकिन मदन ने उसे खेलने से रोक दिया।
Q6. काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण क्या था ? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है?
Ans: काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण लटू खेलने को लेकर हुआ था। जब काशू गली में पहुँचा, तो उसने देखा कि कुछ बच्चे लटू खेल रहे थे। काशू का भी मन खेल में भाग लेने का हुआ, लेकिन मदन ने उसे खेलने से रोक दिया।
मदन का तर्क था कि वह काशू को अपमानित करना नहीं चाहता था, क्योंकि काशू को उस समय खेल में भाग लेने का हक नहीं था। इस वजह से काशू और मदन के बीच झगड़ा हो गया।
लेखक इस प्रसंग के माध्यम से यह दिखाना चाहते हैं कि यदि बच्चों के बीच में बड़े लोग हस्तक्षेप नहीं करते, तो गरीब और कमजोर बच्चा भी अपने अपमान का बदला लेने की क्षमता रखता है।
Q7. मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानी कार क्या बताना चाहता है ?
Ans: मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानी- कार बताना चाहते हैं कि समाज में वर्गभेद और असमानता के कारण उत्पन्न होने वाली असामानता और अत्याचार पर सवाल उठाया जा रहा है।
यह दिखाता है कि कैसे समाज में गरीब और अमीर के साथ अलग-अलग व्यवहार किया जाता है। एक गरीब बच्चे को गाड़ी को छूने की इजाजत नहीं दी जाती और उसे अपमानित किया जाता है,
जबकि एक अमीर व्यक्ति के द्वारा गाड़ी को नुकसान पहुँचाने पर उसे अवसर और संभावनाओं का प्रतीक माना जाता है। यह स्थिति समाज में असमानता की गहरी समस्या को उजागर करती है।
Q8. रोज-रोज अपने बेटे मदन की पिटाई करने वाला गिरधर मदन द्वारा काशु की पिटाई करने पर उसे दंडित के बजाय छाती से क्यों लगा लेता है?
Ans:- गिरधर ने पहले अपने बेटे मदन की कई बार पिटाई की थी, लेकिन जब उसने अपनी आत्म-आदर और सम्मान की रक्षा करते हुए काशु से बदला लिया, तो गिरधर को गर्व महसूस हुआ। इस बार, उसने अपने बेटे को दंडित करने के बजाय उसे अपने गले से लगा लिया, क्योंकि उसने आत्मसम्मान की रक्षा की थी और यह उसे सकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
Q9. सेन साहब, मदन, काशू और गिरधर का चरित्र चित्रण करें।
Ans:- सेन साहब: सेन साहब एक अमीर व्यक्ति थे, जिन्हें अपने धन का घमंड था। वे गरीबों से नफरत करते थे और सामाजिक समानता में विश्वास नहीं रखते थे।
उनका बेटा उनके लिए बहुत प्रिय था, चाहे उसमें कितने ही दुर्गुण क्यों न हों। बेटी के प्रति उनका स्नेह कम था, जो उनके बेटे के प्रति पक्षपात को दर्शाता है।
मदन: मदन एक गरीब बालक है, जो सेन साहब के घर में अपमानित जीवन जीता है। उसे बार-बार अपमान सहना पड़ता है, लेकिन जब भी उसे अवसर मिलता है, वह अपने अपमान का बदला लेने में पीछे नहीं हटता। अपनी बहादुरी को साबित करने के लिए वह काशू को पीटता है।
काशू: काशू सेन साहब का बिगड़ा हुआ बेटा है। वह न तो अपनी बहनों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, न ही पड़ोस के बच्चों के साथ।
वह घर के सामानों को भी नुकसान पहुँचाता है, जिससे उसकी गैर-जिम्मेदार प्रवृत्ति उजागर होती है।
गिरधर: गिरधर मदन का पिता है और सेन साहब के घर पर काम करता है। गरीबी के कारण वह अपने स्वाभिमान को दबाकर अपनी नौकरी बचाने की कोशिश करता है। वह सेन साहब के दबाव में आकर अपने ही बेटे मदन पर अत्याचार करता है।
जब मदन काशू से बदला लेता है, तो गिरधर अपनी नौकरी खो देता है, लेकिन वह अंततः मदन को गले लगाकर अपनी पितृ प्रेम की भावना को प्रकट करता है।
Q10. लड़कियाँ क्या हैं, कठपुतलियाँ हैं और उनके माता-पिता को इस बात का गर्व है। व्याख्या करें
Ans:- प्रस्तुत पंक्ति 'विष के दाँत' शीर्षक पाठ से ली गई है, जिसे नलिन विलोचन शर्मा जी ने लिखा है। इस पंक्ति के माध्यम से लेखक ने तत्कालीन समाज में लड़कियों की स्थिति और उनके प्रति भेदभावपूर्ण व्यवहार को उजागर किया है। यह पंक्ति सेन साहब के कठोर अनुशासन और उनके बेटियों के प्रति कठपुतली जैसे व्यवहार को दर्शाती है। सेन साहब लड़कियों को स्वतंत्रता देने के बजाय उन्हें अपनी आज्ञा के अनुसार चलने पर विवश करते हैं। बेटियाँ अपने मन से कुछ भी करने में असमर्थ थीं। उनका जीवन कठपुतलियों की तरह था, जहाँ उनके माता-पिता के इशारों पर ही सब कुछ करना पड़ता था।
Q11. ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे, चोर और डाकू, बनते हैं। सप्रसंग व्याख्या करें?
Ans- प्रस्तुत पंक्ति 'ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे, चोर और डाकू बनते हैं' पाठ 'विष के दाँत' से ली गई है, जिसके लेखक नलिन विलोचन शर्मा हैं। इस पंक्ति में समाज में मौजूद आर्थिक असमानता और वर्ग-भेद की सच्चाई को उजागर किया गया है।
लेखक ने इस कथन के माध्यम से दिखाया है कि गरीब और अमीर बच्चों के साथ व्यवहार में कितना बड़ा अंतर होता है। एक अमीर बच्चे की गलतियों को उसकी प्रतिभा के रूप में देखा जाता है, जबकि गरीब बच्चे के हर प्रयास को अपराध मान लिया जाता है।
अमीर बच्चे के गाड़ी तोड़ने को उसकी तकनीकी रुचि माना जाता है, वहीं गरीब बच्चे का गाड़ी छूने का प्रयास भी उसे अपमानित और चोटिल कर देता है।
जब गरीब माँ अपने बच्चे के पक्ष में कुछ कहने की कोशिश करती है, तो समाज उसकी आवाज़ को यह कहकर दबा देता है कि ऐसे बच्चे बड़े होकर चोर, डाकू या अपराधी बनते हैं। यह वाक्य समाज की रूढ़िवादी और पक्षपाती मानसिकता पर तीखा प्रहार करता है।
Q12. हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया। सप्रसंग व्याख्या करें ?
Ans-प्रस्तुत पंक्ति नलिन विलोचन शर्मा द्वारा रचित कहानी 'विष के दाँत' से ली गई है। यह कहानी समाज में व्याप्त भेदभाव, गरीबी, और सामाजिक शोषण को उजागर करती है। इस पंक्ति में गरीब और अमीर के बीच के अंतर को व्यंग्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
कहानी में काशू, जो कि गरीब है और कौओं (गरीब वर्ग) का प्रतिनिधित्व करता है, अपनी स्थिति सुधारने का प्रयास करता है।
लेकिन समाज में व्याप्त अन्यायपूर्ण व्यवस्था और अमीर वर्ग (हंस) के द्वारा उसका मज़ाक उड़ाया जाता है। 'हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया' वाक्य के माध्यम से लेखक ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि कैसे ऊँचे वर्ग के लोग गरीबों का मज़ाक उड़ाकर उनकी बेबसी का फायदा उठाते हैं।