गोधूलि भाग 2 Class 10th Chapter 7 परम्परा का मुल्यांकन प्रश्न उत्तर - Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 7 Parampara Ka Mulyankan Subjective Question Answer
प्रिय रीडर्स यदि आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 की तैयारी कर रहे हे www.alleducationnewz.in तो आपको अग्रिम बधाई एवं शुभकामनाएँ । विद्यार्थियों के जीवन की पहली बड़ी परीक्षा है मैट्रिक परीक्षा । यहां पर आपको गोधूलि भाग 2 Class 10 Chapter 7 परम्परा का मुल्यांकन के प्रश्न उत्तर - Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 7 Subjective Question Answer दिया गया हे जो आपकी बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 हिंदी क्वेश्चन पेपर Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 7 Parampara Ka Mulyankan Subjective Question Answer तैयारी के लिए काफी महत्वपूर्ण है सकते हैं । BSEB class 10 hindi chapter 7 question answer गोधूलि भाग 2 |परम्परा का मुल्यांकन|लेखक-रामविलास शर्मा class 10th hindi question answer
यह ब्लॉग पोस्ट बिहार बोर्ड के छात्रों के लिए बेहद उपयोगी है, क्योंकि इसमें परीक्षा में पूछे जाने वाले संभावित सब्जेक्टिव प्रश्नों और उनके उत्तरों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत किया गया है। अगर आप इस अध्याय से संबंधित प्रश्नों को प्रभावी ढंग से तैयार करना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग आपकी पढ़ाई को आसान बनाएगा।
गोधूलि भाग 2 Class 10th Chapter 7 परम्परा का मुल्यांकन प्रश्न उत्तर - Bihar Board Class 10th Hindi Chapter 7 Parampara Ka Mulyankan Subjective Question Answer
Q1. परंपरा का ज्ञान किनके लिए सबसे ज्यादा आवश्यक हैं और क्यों ?
Ans:- परंपरा का ज्ञान उन लोगों के लिए सबसे जरूरी है जो साहित्य के जरिए समाज में बदलाव करना चाहते हैं। इससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि पुराने समय की बातें और परंपराएँ समाज पर कैसे असर डालती हैं। परंपरा को समझकर वे ऐसा साहित्य बना सकते हैं जो शोषण खत्म करे और एक अच्छा, प्रगतिशील समाज बनाने में मदद करे।
Q2. परंपरा के मूल्यांकन में साहित्य के वर्गीय आधार का विवेक लेखक क्यों महत्वपूर्ण मानता है ?
Ans:- परंपरा को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि साहित्य किस वर्ग से जुड़ा है। साहित्य उसी वर्ग के विचारों और समस्याओं को दिखाता है, जिसके लिए वह लिखा गया हो। जैसे, श्रमिक वर्ग का साहित्य शोषण के खिलाफ होता है। इसी तरह, साहित्य को समाज के लिए उपयोगी बनाने के लिए इसका वर्गीय आधार समझना जरूरी है।
Q3. साहित्य का कौन सा पक्ष अपेक्षाकृत स्थायी होता है? इस संबंध में लेखक की राय स्पस्ट करें
Ans:- लेखक के अनुसार, साहित्य का वह पक्ष अपेक्षाकृत स्थायी होता है, जो मनुष्य के सम्पूर्ण जीवन और उसकी मूलभूत भावनाओं से जुड़ा होता है। साहित्य में मनुष्य की आदिम भावनाएँ, जैसे प्रेम, दुःख, करुणा और संघर्ष, प्रतिबिंबित होती हैं। यही भावनाएँ साहित्य को दीर्घकालिक और स्थायी बनाती हैं।
Q4. साहित्य के निर्माण में प्रतिभा की भूमिका स्वीकार करते हुए लेखक किन खतरों से आगाह करता है ?
Ans:- लेखक यह मानते हैं कि साहित्य में प्रतिभा महत्वपूर्ण है, लेकिन वे यह भी चेतावनी देते हैं कि यह जरूरी नहीं कि जो कुछ भी एक प्रतिभाशाली व्यक्ति करता है, वह सही हो। अगर कला पूरी तरह से दोषहीन हो, तो भी यह एक प्रकार का दोष हो सकता है। इसका मतलब यह है कि प्रतिभाशाली व्यक्तियों की उपलब्धियों के बाद भी कुछ नया करने की संभावना बनी रहती है।
Q5. राजनीतिक मूल्यों से साहित्य के मूल्य अधिक स्थायी कैसे होते हैं ?
Ans:- राजनीतिक मूल्य समय के साथ बदलते रहते हैं, जैसे ब्रिटिश साम्राज्य खत्म हो गया, लेकिन शेक्सपियर, मिल्टन, और शैली जैसे साहित्यकारों का काम आज भी अमर है। राजनीति अस्थायी होती है, पर साहित्य अपने विचारों और भावनाओं से हमेशा के लिए लोगों के दिलों में जगह बना लेता है। यही कारण है कि साहित्य के मूल्य अधिक स्थायी होते हैं।
Q6. जातीय अस्मिता का लेखक किस प्रसंग में उल्लेख करता है? और उसका क्या महत्व बताता है ?
Ans:- लेखक ने जातीय अस्मिता का ज़िक्र साहित्य के विकास में किया है। उनका कहना है कि किसी जाति या जनसमुदाय का अपना अलग महत्व होता है। जब कोई समाज एक व्यवस्था से दूसरी व्यवस्था में जाता है, तो उसकी पहचान खत्म नहीं होती। बल्कि, वह अपनी खासियत और संस्कारों को नए माहौल में भी फैलाता है। यही जातीय अस्मिता साहित्य को नई दिशा और पहचान देती है।
Q7. बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से कोई भी देश भारत का मुकाबला क्यों नहीं कर सकता ?
Ans:- बहुजातीय राष्ट्र के रूप में भारत का कोई मुकाबला इसलिए नहीं कर सकता क्योंकि यहाँ के विकास में कवियों और साहित्यकारों की अहम भूमिका रही है। भारत में साहित्य और संस्कृति की परंपरा को बहुत महत्व दिया गया है, जो अन्य देशों में इतना खास नहीं है। भारत का साहित्य विभिन्न जातियों और संस्कृतियों को जोड़ता है और उसकी विविधता को दर्शाता है। यही इसे अद्वितीय बनाता है।
Q8. भारत की बहुजातीय मुख्यतः संस्कृति और इतिहास की देन है, कैसे ?
Ans:- भारत की बहुजातीयता इसकी संस्कृति और इतिहास का नतीजा है। यहां अलग-अलग जातियां और परंपराएं हमेशा साथ-साथ रही हैं। हमारे कवियों और साहित्यकारों ने इन सभी को जोड़े रखा और उनके महत्व को समझाया। यही वजह है कि भारत की विविधता इसकी संस्कृति और इतिहास से जुड़ी हुई है।
Read More: BSEB class 10 hindi chapter 6 question answer बहादुर के प्रश्न उत्तर
BSEB class 10 hindi chapter 5 question answer नागरी लिपि के प्रश्न उत्तर